हाई कोर्ट ने आंगनबाड़ी केंद्र में पोषण मानक पर केंद्र व राज्य शासन से जवाब मांगा
बिलासपुर । आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को भोजन , पोषण और अन्य प्रकार की होने वाली परेशानी को लेकर जनहित याचिका पर आज सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पोषण मानक की गुणवत्ता पर संचालक महिला बाल विकास विभाग से शपथपत्र पर जवाब माँगा है । इसी तरह केंद्र शासन से भी इस मामले में बजट बढाने के बारे में जवाब तलब किया है ।
दुर्ग जिले की आंगनबाड़ी में बच्चों को फल, दूध नहीं दिए जाने को  लेकर प्रकाशित एक समाचार पर हाईकोर्ट ने स्व संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में इसे स्वीकार किया था । दुर्ग जिले के  आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को फल और दूध नहीं दिए जाने की जानकारी समाचार के रूप में प्रकाशित हुई थी । इस खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया ।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीबी ने इसके लिए एडवोकेट अमिय कांततिवारी , सिध्दांत दुबे , आशीष बेक की कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया गया। इन लोगों ने इन केन्द्रों में जाकर वस्तुस्थिति जानी और अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी । रिपोर्ट आने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन के संबंधित प्राधिकारी से शपथपत्र पर जवाब माँगा था । मामले में राज्य के मुख्य सचिव और अन्य अफसरों को पक्षकार बनाया गया था ।
इसी मामले में आज गुरूवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डीबी में सुनवाई हुई । सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर अमियकांत तिवारी ने बताया कि , राज्य में सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पी डी एस के माध्यम से चावल , शक्कर आदि दिया जाता है । रेडी टू ईट की सप्लाई बीज निगम और बाकी सब स्व सहायता समूहों द्वारा किया जाता है । समूहों की ओर से 90 रूपये किलो दाल के खर्च होते हैं अभी दाल की कीमतें बहुत जयादा होने के कारण मिश्रित दाल या निचले स्तर की दी जा रही है । सन 2023 में  खाद्य सुरक्षा अधिनियम में केंद्र ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर पोषण का स्तर बढ़ाया है , जबकि राज्य शासन अब भी बहुत पीछे है । सुनवाई में यह बात भी सामने आई कि , बालोद जिले के डोंडी एक और डोंडी में दो परियोजना हैं जहाँ बिजली पानी की सुविधा नहीं है । सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पोषण मानक की गुणवत्ता को लेकर महिला बाल विकास विभाग संचालक को शपथपत्र में जवाब देने का निर्देश दिया है* इसके साथ ही केंद्र का हिस्स्सा बढाए जाने के लिए केंद्र से भी जवाब तलब किया है । अगली सुनवाई 5 मार्च को निर्धारित कि गई है *

kamlesh Sharma

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