“न्याय तक पहुंच के लिए डिजिटल क्रांति न्यायिक अधिकारियों को आईपैड प्रदान किया गया”
न्यायिक अधिकारियों को आधुनिकतम तकनीकी उपकरणों से सुसज्जित करना हमारी प्रतिबद्धता
मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा
बिलासपुर,।
छत्तीसगढ उच्च न्यायालय बिलासपुर के आडिटोरियम में 21 दिसम्बर को न्यायिक अधिकारियों को आईपैड प्रदान किए जाने तथा साईबर क्राईम व डिजिटल एविडेंस विषय पर एक संयुक्त कार्यक्रम” (कोऐसिव इवेंट आन इल्यूमिनेटिंग द डिजिटल डार्क फार एक्सेस टू जस्टिस एण्ड इक्विपिंग द ज्यूडिशियल आफीसर्स विथ आईपैड ऐज वे फारवर्ड) आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया।
इस अवसर पर मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने प्रतिभागी न्यायिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किया कि न्यायिक अधिकारियों को उच्च क्षमता का आईपैड प्रदान किया जाना उनकी तकनीकी दक्षता व उत्कृष्टता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं और यह डिजिटल युग में न्यायपालिका को सशक्त बनाने के हमारे सामूहिक प्रयास का प्रमाण है। मुख्य न्यायाधिपति ने इस अवसर पर व्यक्त किया कि तकनीकी प्रगति की बहुत तेजी से बदलती दुनिया में हम ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां कानून और तकनीकी एक दूसरे से जुड़े गए हैं। इस तकनीकी प्रगति ने जीवन के हर पहलू में आमूलचूल परिवर्तन लाया है जिसमें विधि व न्याय को समझना उसका निर्वचन करना और लागू करना भी शामिल है। इसलिए हमारा यह दायित्व है कि हम तकनीकी व डिजिटल संशाधनों से सुसज्जित रहें और तकनीकी क्षमता का दोहन करते हुए लोगों को न्याय सुलभ कराएं । उन्होंने कहा है कि तकनीकी के माध्यम से ई- अदालत एवं डिजिटल केस प्रबंधन का बदलाव हमने देखा है जिससे हमारी गति व दक्षता बढ़ी है और लोगों की पहुंच न्याय तक बढ़ी है। मुख्य न्यायाधिपति ने यह भी कहा कि पहले लाईब्रेरियों में किताबों में कानून का खोजना पड़ता था परन्तु आज तकनीकी के दौर में डिजिटल डाटा बेस एक बटन के क्लिक पर उपलब्ध है। इस प्रगति ने न केवल समय बचाया है बल्कि कानूनी अनुसंधान के क्षितिज को भी व्यापक बनाया है जिससे यह और अधिक समावेशी हो गया है।
उन्होंने कहा कि आज आईपैड का वितरण प्रत्येक न्यायिक अधिकारी को इस डिजिटल परिदृश्य को संचालित करने के लिए आवश्यक उपकरणों से लैस करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। ये उपकरण केवल सुविधा के साधन नहीं है, बल्कि दक्षता बढ़ाने, पारदर्शित को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए उत्प्रेरक है कि न्याय सभी के लिए सुलभ हो।
मुख्य न्यायाधिपति ने विश्वास व्यक्त किया कि साईबर अपराध और डिजिटल साक्ष्य पर आयोजित तकनीकी सत्र आज के सम्मेलन में भाग लेने वाले राभी लोगों के लिए मूल्यवान साबित होगा।
मुख्य न्यायाधिपति ने तकनीकी व साईबर क्राईम व डिजिटल एविडेंस के बारे में अपनी समझ बढ़ाने के लिए और तकनीकी सत्र में सक्रिय रूप से भागीदारी करने के लिए आह्वान किया और व्यक्त किया कि सभी प्रतिभागीगण आई पैड को तकनीकी दक्षता बढ़ाने के एक कदम के रूप में देखें और इसके समुचित उपयोग से तेजी से बदलती दुनिया में न्यायपालिका को सशक्त बनाएं जिससे न्यायपालिका पर लोगों का विश्वास बना रहे।
स्वागत भाषण श्रीमती न्यायमूर्ति रजनी दुबे, न्यायाधीश छत्तसीगढ उच्च न्यायालय एवं अध्यक्ष कमेटी टू मानीटर द फंक्शनिंग सीएसजेए के द्वारा किया गया जिसमें उन्होंने न्यायिक अधिकारियों को तकनीकी दक्षता बढ़ाने और न्यायिक कार्यवाहियों में उसके उपयोग पर जोर दिया।