नारायणपुर जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय का शुभारंभ
समाज के अंतिम व्यक्ति तक शीघ्र व सुलभ न्याय उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता-चीफ जस्टिस
बिलासपुर। मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा द्बारा वर्चुअल माध्यम से राजस्व जिला नारायणपुर में बहुप्रतीक्षित एवं नवस्थापित जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर उच्च न्यायालय बिलासपुर से वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन बहुत शुभ है, आज दीपावली पर्व के अवकाश के बाद न्यायालयीन कार्य का प्रथम दिवस है, छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस का राज्योत्सव भी मना रहे हैं और इसी दिन नारायणपुर में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय का भी शुभारंभ किया जा रहा है जो आज के दिवस को और अधिक महत्वपूर्ण बना रहा है। मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने कहा कि सत्र न्यायालयों से संबंधित मामलों में पक्षकारों एवं उनके अधिवक्ताओं को नारायणपुर से कोण्डागांव की यात्रा करनी पड़ती थी जिससे समय एवं धन का अपव्यय होता था। पक्षकारों के हितों को ध्यान में रखते हुए तथा समाज के अंतिम व्यक्ति तक शीघ्र व सुलभ न्याय उपलब्ध कराने की प्राथमिकता को दृष्टिगत रखते हुए नारायणपुर में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय की स्थापना को आज मूर्त रूप दिया जा रहा है। मुख्य न्यायाधिपति श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने कहा कि न्यायिक अधोसंरचना की उपलब्धता हमेशा से उनकी प्राथमिकता में रहा है इससे पक्षकारों को सुविधा होने के साथ-साथ न्यायालयीन कार्य सम्पादन के लिए बेहतर कार्य वातावरण निर्मित होता है जो कि शीघ्र एवं त्वरित न्यायदान के लिए आवश्यक है। इस दिशा में आशाजनक सुधार भी हुआ है। मुख्य न्यायाधिपति ने अपेक्षा की कि नारायणपुर में नवस्थापित जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय में भी आवश्यक आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हों, इसके लिए स्थानीय स्तर पर आवश्यक कार्यवाही की जाए और किसी प्रकार की बाधा आने पर छ.ग. उच्च न्यायालय को अवगत कराया जावे।
मुख्य न्यायाधिपति महोदय ने नारायणपुर में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय की नवस्थापना पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए इसका लाभ उठाने का आग्रह किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं पोर्ट फोलियो न्यायाधीश कोण्डागांव न्यायमूर्ति संजय कुमार जायसवाल भी वर्चुअल रूप से उपस्थित थे ।
न्यायिक अधोसंरचना हमेशा से मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की प्राथमिकता में रहा है और मुख्य न्यायाधिपति के नेतृत्व व मार्गदर्शन में छत्तीसगढ राज्य में न्यायालयीन अधोसंरचना के संबंध में महत्वपूर्ण अभिवृद्धि व सुधार हुआ है जिससे सुदूर अंचलों में भी रहने वाले पक्षकारों के लिए न्याय का मार्ग प्रशस्त हो रहा है साथ ही न्यायालयीन अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य वातावरण निर्मित हो रहा है।