हाई कोर्ट के प्रयास से मासूम को अब माता पिता का एक साथ प्यार मिलेगा
00 बच्चे के उज्ज्वल भविष्य के लिए पति पत्नी ने सुलह किया
बिलासपुर। पति पत्नी के मध्य विवाद के बाद पत्नी व 18 माह के बच्चे को कोलकोता घूमने ले गया वहां पत्नी को छोड़कर बच्चे को लेकर फरार हो गया। पत्नी ने बच्चे को पाने के लिए हाईकोर्ट में बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका पेश की। हाईकोर्ट की समझाईश के बाद पति बच्चे के साथ मध्यस्थता केन्द्र में उपस्थित हुआ एवं दोनों के मध्य सुलह हो गया। हाईकोर्ट के प्रयास से उनका परिवार बिखरने से बच गया। इसके अलावा अब मासूम को माता पिता का प्यार मिलेगा।
याचिकाकर्ता महिला की अगस्त 2019 में जबलपुर के युवक से विवाह हुआ था। विवाह के बाद 2022 में पुत्र का जन्म हुआ। बच्चे के जन्म के बाद दोनों के मध्य विवाद होने लगा। इस पर पत्नी बच्चे को लेकर अपने मायके में आकर रहने लगी। फरवरी 2024 को पति अपने परिवारिक सदस्यों के साथ आया और कोलकाता जाने की बात कही एवं पत्नी से बच्चे को लेकर कोलकाता चलने अनुरोध किया। इस पर याचिकाकर्ता पत्नी 18 माह के बच्च्ो को लेकर उनके साथ कोलकाता चली गई। 19 फरवरी को पति याचिकाकर्ता को छोड़कर मासूम बच्चे को लेकर गायब हो गया। कोलकाता से वापस लौटकर पत्नी ने सिविल लाइन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। बारबार अनुरोध करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होने से बच्चे को पाने मां ने हाईकोर्ट में बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की। याचिका में बच्चे को पति से मुक्त करा दिलाए जाने का निवेदन किया गया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस बीडी गुरू की डीबी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। इसके साथ पति को तलब कर कोर्ट ने मासूम बच्चे के भविष्य को लेकर दोनों को समझाईश दी। इसके साथ पति को बच्चे के साथ उच्च न्यायालय मध्यस्थता केन्द्र में उपस्थित होने को आदेश दिया। कोर्ट के निर्देश पर मध्यस्थता केन्द्र में पति पत्नी के मध्य चल रहे विवाद को समाप्त करने की समझाईश दी गई। इसके बाद दोनों के मध्य सुलह हुआ। हाईकोर्ट के इस प्रयास से मासूम के भविष्य सुरक्षित होने के साथ दंपति का परिवार बिखरने से बच गया। मध्यस्थता केन्द्र से रिपोर्ट आने पर हाईकोर्ट ने पत्नी की याचिका को निराकृत किया है।
