सहकर्मी को अश्लील संदेश भेजने वाले रेलवे भंडार विभाग के कार्यालय अधीक्षक की याचिका खारिज
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने मोबाइल में महिला सहकर्मी को अश्लील संदेश भेजने वाले रेलवे भंडार विभाग के कार्यालय अधीक्षक की याचिका को खारिज किया है।
महिला सहकर्मी की शिकायत पर आंतरिक अनुशासन समिति की सिफारिश पर तबादला किए जाने के खिलाफ याचिका पेश की गई थी
याचिकाकर्ता इंद्रेश कुमार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के भंडार विभाग में ओएस के पद में पदस्थ रहा। उसके खिलाफ साथ काम करने वाली महिला कर्मचारी ने मोबाइल में अश्लील मेसेज भेजने की अधिकारियों से शिकायत की थी। इसके अलावा मामले की तोरवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। तोरवा पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 509 के तहत अपराध पंजीबद्ब किया। महिला कर्मी की शिकायत पर आंतरिक अनुशासन समिति की सिफारिश पर कर्मचारी का तबादला किया गया। इसके खिलाफ कर्मचारी ने कैट में याचिका पेश की। कैट ने अनुशासन समिति की सिफारिश पर तबादला किए जाने में कोई त्रुटि नहीं होने पर प्रकरण को निरस्त कर दिया। इसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका में जस्टिस रजनी दुबे एवं जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डीबी में सुनवाई हुई। डीबी ने आदेश में कहा कैट के निर्णय के खिलाफ पेश याचिका में कोई आधार नहीं है। याचिकाकर्ता पर सेवा के दौरान आरोप लगाया गया कि, इसने अपनी तरह ही एक शारीरिक अक्षम महिला कर्मचारी को मोबाइल पर अश्लील सन्देश भेजा है। इस आरोप के बाद रेलवे की आन्तरिक अनुशासन समिति ने महिला कर्मचारी के अनुरोध पर कर्मचारी का अन्यत्र तबादला कर दिया। प्रशासनिक अधिकारियों द्बारा याचिकाकर्ता को एक वैधानिक प्रावधान पर स्थानांतरित करने का प्रशासनिक निर्णय लिया गया है, इसलिए कैट द्बारा पारित आदेश में कोई त्रुटि नहीं है। याचिकाकर्ता ने सी.ए.टी. के समक्ष इस आदेश के विरुद्ध कोई आवेदन दायर नहीं किया और सीधे हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसके साथ ही कोर्ट ने कोई आधार न पते हुए यह याचिका खारिज किया है। याचिकाकर्ता को, कैट के समक्ष आवेदन करने की छूट दी गई है।
याची व शिकायतकर्ता दोनों ही शारीरिक रूप से असक्षम
इस मामले में याची ने जो आधार लिया कि वह रेलवे दिव्यंगा संघ का पदाधिकारी है। उसने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। इसके कारण उसका तबादला किया गया। वही कोर्ट के समक्ष यह बात आई कि शिकायतकर्ता महिला भी शारीरिक रूप सेअसक्ष्म है।
