बिलासपुर। हाई कोर्ट ने एएसआई के खिलाफ विभागीय जांच पर अंतिम निर्णय नहीं पारित करने पर गृह सचिव को शपथ पत्र पेश करने का आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता संतोष यादव पुलिस विभाग में एएसआई के पद में पदस्थ थे। तखतपुर में पड़ स्थापना के दौरान आईजी बस्तर ने संतोष यादव व डीएसपी निकोलस खलको को आरोप पत्र दिया व विभागीय जांच प्रारंभ किया गया। जांच अधिकारी ने 2013 में जांच रिपोर्ट गृह सचिव गृह विभाग को रिपोर्ट पेश किया। गृह सचिव ने जांच रिपोर्ट पेश होने के बाद डीएसपी को निंदा की सजा से दंडित किया। वहीं एएसआई के खिलाफ अंतिम निर्णय पारित नहीं किया गया। सितंबर 2021 में सेवानिवृत्त हो गए। विभागीय जांच पर अंतिम निर्णय पारित नहीं होने पर उन्हें सेवानिवृत होने पर मिलने वाले अधिकांश देयक को रोक दिया गया। इसके खिलाफ संतोष यादव ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय व दुर्गा मेहर के माध्यम से याचिका पेश की। याचिका में कहा गया कि डीएसपी व याचिकाकर्ता के खिलाफ एक ही आरोप में संयुक्त रूप से जांच की गई। इसमे रिपोर्ट पेश होने के बाद डीएसपी के खिलाफ अंतिम निर्णय पारित किया गया किन्त याचिकाकर्ता के मामले को रोका गया है। हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गृह सचिव पुलिस विभाग को शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का आदेश दिया है। 14 वर्ष 6 माह बाद भी अंतिम निर्णय पारित नही हुआ है।
