लद्दाख में सिंधु दर्शन यात्रा से उठेगी गुलाम जम्मू कश्मीर को वापस लेने की आवाज
वंदे मातरम मित्र मंडल का 103 यात्रियों का जत्था 17 जून को होगा राजधानी एक्सप्रेस से रवाना
बिलासपुर-वंदे मातरम मित्र मंडल के 103 सदस्य  केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 23 जून से शुरू हो रहे सिंधु महोत्सव में सम्मिलित होने के लिए केसरिया जैकेट पहन कर हाथों में तिरंगा लेकर 17 जून सोमवार को राजधानी एक्सप्रेस से रवाना होंगे।
सिन्धु महोत्सव में गुलाम कश्मीर का भारत में विलय के साथ लेह से कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू करने की मांग भी दोहराएंगे।
वन्दे मातरम् मित्र मंडल के संयोजक महेन्द्र जैन ने बताया कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से 2000 राष्ट्र भक्त श्रद्धालु 23 जून को लेह पहुंच रहे हैं,जो वहां तीन दिवसीय लेह महोत्सव में सम्मिलित होंगे।
महोत्सव में दो विशाल तिरंगे भी लाए जा रहे हैं,एक लेह में फहराने के बाद कश्मीर प्रशासन को सौंपा जाएगा दूसरा दिल्ली में केंद्रीय मंत्री को सौंपा जाएगा।ऐसा कर तिब्बत को चीन से आजाद करवाने एवं गुलाम कश्मीर को पाकिस्तान से वापिस लेने के संकल्प की याद दिलाएगा।
महोत्सव की सफलता के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य इंद्रेश कुमार के नेतृत्व एवं मार्ग दर्शन में व्यापक तैयारियां चल रहीं जो यातायात,आवास एवं भोजन संबंधी अनेक आवश्यक व्यवस्थाओं को मूर्त रूप देने में संलग्न हैं।
बिलासपुर में भी वन्दे मातरम् मित्र की बैठक में सभी यात्रियों को यात्रा से सबंधित जानकारी दी गई एवं यात्रा में साथ में रखने के लिए आवश्यक सामग्री प्रदान की गई।
बैठक में वन्दे मातरम् मित्र मंडल के सम्मानित सदस्य अपोलो में पदस्थ ह्रदय रोग शल्य चिकित्सक डॉ संजय जैन
जो बिलासपुर से राजकोट(गुजरात) शिफ्ट हो रहे हैं,उन्हें सपरिवार बिदाई दी गई उनके द्वारा किए गए सहयोग का स्मरण किया गया उन्हें एवं उनकी पत्नी कुंजल जैन का शाल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
बैठक के दौरान लेह में  रश्मि द्विवेदी के नेतृत्व में तैयार किए गए भोजली, सुआ एवं गौरा गौरी नृत्य का प्रदर्शन भी किया गया।
यात्रा प्रभारी अरविंद गर्ग एवं सहयोगी यात्रा प्रभारी प्रफुल्ल मिश्रा,जयकुमार जैन,अनिल प्रसाद,हरी सिंह राजपूत,रामकुमार वस्त्रकार,गौतम साहू ,देवेन्द्र जैन,जय सिंह चंदेल,श्याम भाई पटेल,मूल चंद खूंटे ने अपनी अपनी तैयारियों की जानकारी साझा की।

kamlesh Sharma

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