अधिग्रहित भूमि के मुआवजा वितरण में अनियमितता,
हाई कोर्ट ने एसडीओ को ब्याज देने का निर्देश दिया
बिलासपुर। हाई कोर्ट ने अवार्ड पारित होने के बाद सैट वर्ष विलंब से मुआवजा राशि दिए जाने को गंभीरता से लेते हुए एसडीओ डभरा को मुआवजा पर ब्याज देने का निर्देश दिया है।
बिलासपुर निवासी रामसुबरन जायसवाल एवं अनुराग जायसवाल की भू स्वामित्व हक की कृषि भूमि ग्राम नवापारा डभरा जिला सक्ती में खसरा नंबर 410/2 रकबा 6. 799 ए.में स्थित थी जिस भूमि को साराडीह बैराज के लिए अधिग्रहित किया गया है । शासन ने साराडीह बैराज के लिए अधिग्रहित भूमि का अवार्ड पारित कर मुवावजा वितरण का आदेश दिया। अनुविभागीय अधिकारी डभरा के द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजे के लिए हितग्राहियों की जो सूची जारी की गई। उसमें याचिका कर्तागण का भी नाम शामिल था परंतु याचिका कर्तागण को काफी चक्कर काटने के बाद 15 जनवरी 2024 को मुआवजा राशि का भुगतान किया गया । जो कि अवार्ड आदेश दिनांक 31.03.2017 के पारित होने के सात वर्षों बाद भुगतान किया गया । इस पर भू स्वामी ने ब्याज दिए जाने की मांग की। ब्याज नहीं दिए जाने पर उन्होंने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के माध्यम से याचिका पेश की। मामले की जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की एकल पीठ में सुनवाई हुई। कोर्ट ने माना है कि मुआवजा देने में विलंब होने के कारण याची ब्याज पाने के हकदार है। कोर्ट ने एसडीओ डभरा को याची के आवेदन पर 90 दिवस के अंदर विधि अनुसार निर्णय करने का निर्देश दिया है।
