पुलिस अधिकारी की पत्नी ने जन्मदिन पर चलती  कार के बोनट में बैठ कर केक काटी

  • 00 हाई कोर्ट ने सीएस से पूछा आपने क्या कार्रवाई की

बिलासपुर। पति के पावर के मद में चूर महिला द्वारा खुलेआम नीली बत्ती कार के बोनट में बैठ कर जन्मदिन मनाने व वीडियो वायरल होने के बाद कथित रूप से अज्ञात कार चालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के मामले को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लिया है। मामले में सीएस को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।

पुलिस अधिकारी की पत्नी द्वारा सड़क पर नीली बत्ती लगी गाड़ी के बोनट पर जन्मदिन मनाने के मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की है । इस मामले में चीफ जस्टिस की बेंच ने प्रदेश के मुख्य सचिव से शपथपत्र पर जवाब तलब करते हुए एक सप्ताह बाद अगली सुनवाई निर्धारित कि है ।

गत दिनों पुलिस अधिकारी की पत्नी ने अनाम ड्राइवर का जन्मदिन मनाया, इसका आधिकारिक एफआईआर दर्ज कराई गई। इस खबर को हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया है ।

इस समाचार रिपोर्ट में कहा गया कि बलरामपुर जिले के एक पुलिस उपाधीक्षक डीएसपी तस्लीम आरिफ बारहवीं बटालियन की पत्नी द्वारा नीली बत्ती लगी निजी गाड़ी के बोनट पर अपना जन्मदिन मनाने का वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो से लोगों में आक्रोश पैदा हुआ है और फिर कार के चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और बताया गया कि चालक अज्ञात है। हालांकि स्पष्ट रूप से प्रकाशित किया गया है कि वह महिला के साथ गाड़ी चला रहा है, जो दोस्तों के समूह का हिस्सा लग रही है । तस्वीर में सभी लोग गाड़ी चला रहे हैं। यह घटना कथित तौर पर अंबिकापुर के एक होटल के पास हुई थी, जिसने आधिकारिक विशेषाधिकारों के इस्तेमाल पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कार एक्सयूवी 700, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में तैनात एक डीएसपी की है। नीली बत्ती वाली गाड़ी कथित तौर पर डीएसपी की निजी गाडी है। इस मामले में पुलिस ने आरोप लगाया है कि इस मामले में विभागीय कार्रवाई होगी या फिर इस मामले को प्रभाव के साये में लिया जाएगा। वीडियो की जांच से पता चला है कि वायरल वीडियो में दिख रहे व्यक्ति के खिलाफ धारा 177, 184 और 281 के तहत मामला दर्ज किया गया है।पुलिस ने गत 29 जनवरी को एक ऐसी ही घटना दर्ज की थी, जिसमें एक व्यक्ति जन्मदिन पर आतिशबाजी करते हुए सड़क जाम कर रहा था। इस घटना की सूचना देने का निर्देश मुख्य सचिव ने दिया था। मुख्य सचिव ने इस घटना को गंभीरता से लिया था और राज्य सरकार को इस मामले की जानकारी देने के लिए कहा था। इस कोर्ट के दिनांक3 फरवरी 2025 के पत्र में सचिव ने कहा था कि थाने के स्टेशन हाउस अधिकारियों को न केवल मोटर वाहन अधिनियम के तहत बल्कि भारतीय न्याय संधि के तहत भी अपराधियों पर मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

आज चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीबी में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से शपथपत्र पर यह जवाब देने को कहा कि , अभी तक इस मामले में पुलिस प्रशासन की ओर से विधिवत क्या कार्रर्वाई की है । अगली सुनवाई एक सपताह बाद शुक्रवार को निर्धारित की गई है ।

kamlesh Sharma

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