हाई कोर्ट ने कहा प्रशासनिक लापरवाही,चाइनीज मांझे से मासूम की मौत, 50 हजार मुआवजा से क्या होता है?
बिलासपुर । हाईकोर्ट ने चायनीस मांझे से मासूम की मौत और महिला अधिवक्ता के साथ हुई दुर्घटना को संज्ञान में लिया था इस जनहित याचिका पर आज सुनवाई में शासन ने बताया कि, बच्चे के परिजनों को 50 हजार का मुआवजा दिया गया है , तो कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि , इससे क्या होगा ? चीफ जस्टिस ने मुआवजे की राशि बढाने के साथ ही मांझे की बिक्री पर कडा प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया ।
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बैंच ने पहले हुई सुनवाई के दौरान कहा था कि, ये बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है..! ये बड़ा खतरनाक है* राज्य सरकार के प्रतिबंध के नोटिफिकेशन के बावजूद कैसे बाजार में मांझा उपलब्ध हो रहा है..? क्यों इस अधिनियम का पालन नहीं करवाया जा सका..? क्या मुआवजा दिया गया है..? एक 7 साल के बच्चे की जान चली गई और एक महिला अधिवक्ता घायल है* क्यों राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की* कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए मुख्य सचिव से यह जवाब मांगा था कि बाजार में चाइनीस धागा और मांझा कैसे उपलब्ध हो रहा है* वहीं 7 साल के बच्चे की मौत के बाद उसके परिवार को क्या मुआवजा दिया गया है. या नहीं .? पूर्व में हुई घटनाओं के बारे में भी जवाब तलब किया गया गत माह बुधवार को डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई के दौरान शासन की ओर से बताया गया था कि , अभी मुख्य सचिव का जवाब पूरा नहीं हुआ है, कोर्ट ने तीन सप्ताह बाद अगली सुनवाई निर्धारित की थी आज सोमवार को हुई सुनवाई में शासन की ओर से50 हजार का मुआवजा मृतक बच्चे के परिजनों को देने की जानकारी देने पर चीफ जस्टिस ने कहा कि , एक मासूम की मौत हुई है, इसमें जिम्मेदार प्रशासनिक लोगों की लापरवाही साफ़ है अब परिजनों को यह मामूली रकम देने से क्या होगा कोर्ट ने कहा कि , इस प्रकार के मामलों में मुआवजे की राशि और भी अधिक बढाने की जरूरत है उन्होंने शासकीय अधिवक्ता से कहा कि . ऐसा जानलेवा मांझा कैसे बेचा जा रहा है , इस पर सरकार कड़ाई से प्रतिबंध लगाये