अपोलो अस्पताल पहुंच मार्ग के दुर्दशा को हाई कोर्ट ने सज्ञान में लिया
निगम आयुक्त और राज्य शासन से जवाब तलब
बिलासपुर। चीफ जस्टिस ने अपोलो हॉस्पिटल पहुंच मार्ग
की दुर्दशा पर स्वयं ही संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की। शासन के जवाब पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए नगर निगम आयुक्त और राज्य शासन से जवाब तलब किया है।
इससे पहले मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा अपने व्यक्तिगत कार्य से अपोलो हॉस्पिटल रोड की ओर गए थे। यहां सड़क की दुर्दशा और खराब ट्रैफिक देखकर उन्होंने स्व संज्ञान लिया और आज इस मामले में डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इस बारे में निगम आयुक्त और शासन से जवाब तलब किया है।
शहर से जुड़ा हुआ लिंगियाडीह 6 साल पहले निगम में शामिल हो चुका है, लेकिन यहां की हालत गांवों से भी बदतर है। जर्जर और गड्ढों भरी सड़क देखने पर लगता है कि यहां पिछले कार्यकाल में काम ही नहीं हुआ। सबसे महत्वपूर्ण बात यहां सामने ही एसईसीएल मुख्यालय से जुड़ी कॉलोनी और आगे अपोलो अस्पताल भी है, इस कारण यहां बड़ी संख्या में लोगों का आवागमन होता है, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
शहर से लगे हुए नए निगम क्षेत्रों की हालत बहुत खराब है। लिंगियाडीह सहित बिरकोना, खमतराई, शहर से जुड़े हुए हैं। लेकिन यहां सड़कों की हालत देखकर कहीं से नहीं लगता कि ये शहरी क्षेत्र में हैं। सड़कें या तो बनी ही नहीं है, या फिर उधड़ चुकीं हैं। राजकिशोर नगर चौक से लिंगियाडीह बस्ती होते हुए अपोलो तक जाने वाली सड़क देखने से लगता है कि इस सड़क को कभी बनवाया ही नहीं गया। न तो इस पर यहां के जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया और न ही अधिकारियों ने।सड़क जिस तरह से गड्ढों से भरी और उधड़ी हुई है, उससे यह भी साबित हो रहा है कि इसके निर्माण में भी गड़बड़ी की गई है। पूरी सड़क जगह जगह से कटी और टूटी हुई है या फिर सड़क से डामर और गिट्टी की परत ही उखड़ रही। धूल से लोग परेशान है।
