सिरगिट्टी शराब दुकान परेशानी का सबब बना, हाई कोर्ट ने आबकारी सचिव व निगम आयुक्त से जवाब मांगा बिलासपुर । सिरगिट्टी तारबाहर अंडरब्रिज के पास चल रही शराब भट्टी के मामले में आम लोगों को हो रही परेशानी को हाईकोर्ट ने मंगलवार को खबर प्रकाशित होने के बाद संज्ञान में लिया है। इसे जनहित याचिका के रोप में सुनवाई कर चीफ जस्टिस की डीबी ने सचिव आबकारी और आयुक्त नगर निगम बिलासपुर से व्यक्तिगत शपथपत्र माँगा है। अगली सुनवाई 6 फरवरी को रखी गई है।
एक समाचार रिपोर्ट प्रकाशित हुई इसमें बताया गया कि “सरगिट्टी मुख्य मार्ग पर शराब जी का जंजाल बन गई है। यातायात” नगर के एप्रोच रोड से हटाई गई शराब की दुकान सरगिट्टी मुख्य मार्ग के पास चली गई है। सिरगिट्टी तारबाहर स्थित शराब दुकान लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है एक ओर जहां उक्त शराब भट्ठी शासन के नियमों को ताक पर रखकर चलाई जा रही है वहीं यह भट्ठी अंडर ब्रिज के पास स्थित है जहाँ शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। शाम के समय यहां शराबियों की भट्टी जम जाती है, जिससे वहां से आने-जाने वाले लोगों विशेषकर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उक्त शराब भट्टी को हटाने की मांग की गई थी, लेकिन ऐसा लगता है कि इसमें किसी की रुचि नहीं है। कई बार शराबी महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करते नजर आते हैं और कई बार विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। अन्य शराब भट्टियों की तुलना में शराब भट्टी शासन के नियमों के विरुद्ध खोली गई है, क्योंकि उक्त भट्टी मंदिर और आवासीय परिसर से कुछ ही दूरी पर है। कलेक्टर को ज्ञापन देकर इसे हटाने की मांग की गई, लेकिन आज तक न तो भट्टी हटाई गई और न ही लोगों की परेशानी कम हुई। इसी समाचार पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर एक पीआइएल रजिस्टर्ड की । सचिव आबकारी ,कलेक्टर,,पुलिस अधीक्षक बिलासपुर, आयुक्त आबकारी, आयुक्त नगर निगम, बिलासपुर व जिला आबकारी अधिकारी बिलासपुर को पक्षकार बनाया गया ।
हाईकोर्ट ने कहा ,-
हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने कहा कि,इस तरह की स्थिति देखते हुए, इस स्तर पर, हम सचिव आबकारी, छत्तीसगढ़ सरकार तथा आयुक्त, नगर निगम, बिलासपुर को अगली सुनवाई तिथि से पहले अपने-अपने व्यक्तिगत हलफनामे दाखिल करने का निर्देश देते हैं ।कोर्ट ने इस मामले को 6 फरवरी को पुनः सूचीबद्ध किया है ।
