एसडीओ आर ने 26 वर्ष पहले पावर का दुरुपयोग किया, रिटारमेंट तक गलती ने पीछा नहीं छोड़ा
00 हाई कोर्ट ने भी सत्र न्यायालय के निर्णय पर अंतिम मुहर लगाया
बिलासपुर। एसडीओ राजस्व कोटा आशुतोष अवस्थी ने नवंबर 1997 को शासकीय भूमि में अतिक्रमण के मामले में पावर का दुरुपयोग कर निर्दोष व्यक्ति को 15 दिन के लिए सिविल जेल भेज दिया। इस कार्रवाई के खिलाफ पीड़ित ने न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया। बिलासपुर जिला एवं सत्र न्यायालय ने 2008 को फैसला सुनाया व 25 हजार रुपए क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया। आदेश के खिलाफ अधिकारी ने 2008 में हाई कोर्ट में अपील पेश की। 16 वर्ष बाद हाई कोर्ट ने अधिकारी की अपील को खारिज करते हुए सत्र न्यायालय के निर्णय को यथावत रखा है।
मामला यह है
तखतपुर के ग्राम जोरापारा निवासी जगतु राम सतनामी के खिलाफ शासकीय भूमि में अतिक्रमण करने की शिकायत की गई। तहसीलदार ने विधिवत प्रकरण दर्ज कर जगतु राम का बयान दर्ज किया एवं 500 जुर्माना लगाया। आदेश का पालन नहीं होने पर प्रकरण एसडीओ राजस्व कोटा को प्रेषित किया। तत्कालीन एसडीओ आर आशुतोष अवस्थी ने नोटिस जारी किया। बीमार होने के कारण जगतु राम पेशी में उपस्थित नहीं हुआ उनका पुत्र साधराम सतनामी इसकी जानकारी देने नवंबर 1997 को एसडीओ की कोर्ट में उस्थित हुआ। एसडीओ ने उसे 15 दिन के लिए सिविल जेल भेज दिया। साधराम द्वारा एसडीओ, पटवारी व शिकायकर्ता के खिलाफ न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया। प्रकरण के लंबित रहने के दौरान राज्य विभाजन होने पर एसडीओ राजस्व को एमपी कैडर आबंटित हुआ। अधिकारी के सीईओ जिला पंचायत इंदौर के पद में पदस्थ रहने के दौरान न्यायालय से वाद में निर्णय पारित हुआ है। इसमें अधिकारी को पावर का दुरुपयोग करने का दोषी ठहराया गया। अधिकारी की एक गलती उसका रिटारमेंट तक पीछा नहीं छोड़ा।
