बिलासपुर । दिव्यांग बच्चों के संरक्षण को सशक्त व प्रभावी बनाने के लिए “हितधारकों का नौवां राज्य स्तरीय परामर्श कार्यकम” आज हाईकोर्ट परिसर में आयोजित किया गया। इस राज्य स्तरीय कंसल्टेंशन प्रोग्राम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा रहे। उन्होंने इसका उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन कर किया ।
न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि ,भारत में निर्योग्यता से ग्रस्त लोगों में से अधिकांश हिस्सा बच्चों का है जिन्हें उचित शिक्षा व पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधा तथा समाज में मुख्य धारा में शामिल होने के लिए अवसर उपलब्ध नहीं है, उन्होंने यह भी बताया कि निर्योग्यताओं से ग्रसित बच्चों के लिए विशेष स्कूल और विशेष रूप से प्रशिक्षित स्टाफ की आवश्यकता होती है और ऐसे बच्चों को विशिष्ट चिकित्सकीय देख-रेख की आवश्यकता होती है। मुख्य न्यायाधिपति ने इस बात पर बल दिया कि यदि प्रारंभिक अवस्था में ऐसे बच्चों को चिकित्सकीय सहायता मिल जाए तो ऐसे बच्चों की जटिलताएं कम हो सकती है और उनके जीवन की गुणवत्ता उच्च हो सकती है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के साथ व उनके परिवारजनों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए व उनके साथ समानता का व्यवहार होना चाहिए, जिससे दिव्यांग बच्चे समाज के मुख्य धारा में रहें ना कि समाज के हाशिए पर। मुख्य न्यायाधिपति द्वारा इस बात को विशेष रूप से रेखांकित किया गया कि बच्चों की देखरेख करने वाली संस्थाओं में बच्चों की सुरक्षा विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चे कई बार यह नहीं जान पाते कि उनके साथ कोई अपराध हुआ है ।
स्वागत व आरंभिक भाषण न्यायमूर्ति संजय एस अग्रवाल द्वारा दिया गया। विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी द्वारा विशिष्ट व्याख्यान दिया गया और न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल द्वारा आधार व्याख्यान दिया गया ।
इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व अन्य न्यायमूर्तिगण द्वारा बलात्कार पीड़िता के गर्भ समापन के संबंध में विभिन्न हितधारकों की भूमिका को दर्शित करते हुए एक फ्लिप चार्ट जारी किया गया। इस नौवें राज्य स्तरीय कंसल्टेशन प्रोग्राम में छत्तीसगढ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तिगण छत्तीसगढ राज्य न्यायिक अकादमी बिलासपुर, छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण / चिकित्सा शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास स्कूल शिक्षा विभाग, सचिव समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस मुख्यालय रायपुर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग, युनिसेफ के प्रतिनिधि/अधिकारीगण हितधारक प्रतिभागी सदस्य के रूप में उपस्थित रहे ।